ऊन्मुक्त

कुछ स्वछ्न्द विचार और उन्मुक्त चिन्तन

मेरा फोटो
नाम:
स्थान: New Delhi, Delhi, India

शनिवार

हिंदी किताबों - पत्रिकायों की तलाश

यात्रा के दौरान पढने के शौक मुझे बचपन से है. यात्रा करने का साधन बदला, उसकी फ्रीक्वेंसी बदली लेकिन पढने का शौक जस का तस है. हालाँकि एक बदलाव ऐसा हुआ है जो शायद आलस और आरामतलबी के कारण हुआ है इसको मैं बदल सकता था या अभी भी बदल सकता हूँ लेकिन इतना आसन नहीं है. ये बदलाव है किताबों के बदले पढने के लिए Kindle का इस्तेमाल करना. इसके कारण से मेरे पास पढने के लिए हमेशा ढेर सारी किताबें साथ रहती है लेकिन इनमे से लगभग सारी किताबें अंग्रजी भाषा की हैं. हिंदी किताबों की उपलब्धता अभी भी काफी सीमित है. सो बहुत दिनों से हिंदी में किताबें बहुत कम पढ़ी है. अगर साल में २०-३० किताबें  पढ़ पाता हूँ तो उनमे से शायद ५ भी हिंदी की नहीं होती हैं.

इस साल मेरी कोशिश है की मैं ज्यादा से ज्यादा हिंदी में पढूं. और हिंदी के नए लेखकों की कृतियां पढूं. पिछले कुछ दिनों से मैं Amazon पे हिंदी किताबों को खोज रहा हूँ और यह आसान कार्य नहीं है. पिछले एक साल से हिंदी किताबों की उपलब्धता बढ़ी है Flilpkart और Amazon पे लेकिन ये अभी भी नगण्य है.

हिंदी के प्रकाशकों को अभी ऑनलाइन किताब बेचना ठीक से नहीं आया है. मैंने किताबें खोजने के क्रम में पाया की अधिकतर किताबों को सिर्फ ऑनलाइन उपलब्ध करा दिया गया है लेकिन उनके बारे में कोई और जानकारी नहीं है. अगर आप को किताबों और लेखकों के बारे में पहले से पता है तो आप खोज ले अन्यथा अधिकतर किताबों के बारे में कोई वर्णन नहीं है. आपको लेखक का कोई परिचय नहीं मिलेगा (खासकर नए लेखकों के बारे में) और ना ही सही ढंग से किताबों का वर्गीकरण किया हुआ है.

अंग्रेजी किताबों के बारे में अनगिनत ब्लॉग और समीक्षा लेख वाले वेबसाइट पे जानकारी है. आपको अगर पता है की आप किस तरह की किताब पढ़ने की इच्छा है तो तुरंत ही आप के पास उस प्रकार की किताबों की लिस्ट मिल जाएगी. यही नहीं विगत वर्षों के सबसे अच्छी किताबों की लिस्ट आज कल सैकड़ों वेबसाइट पे उपलब्ध है. ये सब आपके खोज को आसान कर देतीं है और आपको नयी नयी किताबों के बारे में जानकारी भी देती हैं. हिंदी किताबों के लिए ये अभी तक नहीं हो पाया है.

मैंने सोचा की चलो पिछले पांच वर्षों की सर्व-श्रेष्ठ किताबों को ही पढ़ लिया जाये. लेकिन कहाँ मिलेगी इनकी लिस्ट. या फिर मैं हिंदी की १०० श्रेष्ठ किताबों की लिस्ट बना लूँ और उसी लिस्ट के किताबों को पढ़ा जाये. मैंने ऐसा अंग्रेजी के किताबों के लिए किया था. और लगभग १० ऐसी लिस्ट होंगी जिन्होंने अपने हिसाब से इन पुस्तकों को श्रेणी में रखा है और ये सभी अलग अलग हैं लेकिन लगभग ७० प्रतिशत पुस्तकें इन सब में हैं.

खैर मैंने थोडा हाथ पैर मारकर कुछ किताबों को उठाया है. और कोशिश करूँगा की इस ब्लॉग पे उन सबके बारे में एक-दो लाइन की समीक्षा लिख कर उनके बारे में जानकारी फ़ैलाने की कोशिश करूँगा. हालांकि अभी इस बात कर निर्णय नहीं लिया है की उनके बारे में हिंदी में लिखना वेब-सर्च के लिए बेहतर होगा या अंग्रेजी में. मैंने जब खोजना चालू किया था तो अंग्रेजी में ही खोज रहा था..

किताबों की खोज के क्रम में मैं हिंदी पत्रिकायों को भी पुनः पढ़ने का निश्चय लिया है. लेकिन इनकी स्थिति और भी ख़राब है. गिनी चुनी पत्रिकाएं ही बचीं हैं. बड़े समूह द्वारा प्रकाशित पत्रिकायों में से सिर्फ कादम्बिनी को खोज पाया. एक समय में धर्मयुग, कादम्बिनी, हंस, विचार मीमांसा आदि कितनी पत्रिकाएं थी पर आजकल बहुत ही कम बची हैं.

लेबल: ,

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें

सदस्यता लें टिप्पणियाँ भेजें [Atom]

<< मुख्यपृष्ठ